बिहार में लंपी वायरस का कहर, सुपौल-सीवान समेत कई जिलों में जानवर हो रहे हैं बीमार

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बिहार में एक बार फिर लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है. राज्य के कई जिलों से मवेशियों की बीमार होने की खबर आ रही है.

बिहार में एक बार फिर लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है. राज्य के कई जिलों से मवेशियों की बीमार होने की खबर आ रही है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से वायरस से संक्रिमत 108 मवेशियों के सैंपल को जांच के लिए कोलकाता और भोपाल भेजा गया है. विभाग का कहना है कि इस रिपोर्ट के रिजल्ट आने के बाद ही लंपी वायरस की पुष्टि करना उचित रहेगा. हालांकि, कैमूर, सीतामढ़ी, बेगूसराय, सुपौल, सीवान, नालंदा, मधुबनी, सहरसा, छपरा, गया, नवादा और औरंगाबाद सहित कई जिलों में मवेशियों के अचानक बीमार होने की खबर आ रही है.

लंपी वायरस के लक्षण
आपके मवेशियों में भी ये वायरस न फैले इसके लिए जरूरी है कि आप सर्तक रहें. लंपी वायरस को ठीक होने में दो से तीन सप्ताह लगते हैं. ऐसे जानवर जो लंपी वायरस से ग्रसित हैं उन्हें एक सप्ताह तक एंटी बायोटिक की दवा दी जाती है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप इस वायरस के लक्षण जान लें-

त्वचा पर छोटी-छोटी गांठ बन जाना ट
जानवरों के पैरों में सूजन
संक्रिमत मवेशियों के दूध उत्पादन में कमी
बुखार
मुंह से लार निकलना, आंख-नाक से पानी
Lumpy Skin Disease: बचाव के तरीके
पशुओं के पास मक्खी और मच्छर न पनपने दें
संक्रिमत पशुओं को झुंड से अलग रखें
पशुओं को और उनके रहने की जगह को साफ-सुथरा रखें
वायरस के लक्षण दिखे तो पशुओं के डॉक्टर से संपर्क करें
पशुओं का टीकाकरण कराएं
यहां आपको बता दें कि ये बीमारी मॉनसून के बाद अधिक तेजी से फैलता है. इस बीमारी से मवेशियों को बचाने के लिए टीकाकरण सबसे उचित माना जाता है. इस साल के शुरू से कई पशुओं को टीका दिया गया. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिन पशुओं को टीका नहीं लगा था उन्हें ही ये बीमारी परेशान कर रही है. अभी तक 1 करोड़ 36 लाख पशुओं को यह टीका लगाया जा चुका है. अभी टीकाकरण जारी है.

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