पटना HC ने CM नीतीश को दी बड़ी राहत, जातीय जनगणना पर लगी रोक हटी

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बिहार के लिए जातीय जनगणना एक बड़ा मुद्दा है. इसे लेकर अब बड़ी खबर आ रही है. पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना रोकने व

बिहार के लिए जातीय जनगणना एक बड़ा मुद्दा है. इसे लेकर अब बड़ी खबर आ रही है. पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. आज यानि की 1 अगस्त को जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने फैसला सुनाया. इस फैसले मेें कहा गया कि राज्य सरकार जातीय जनगणना करवा सकती है. बता दें, कोर्ट ने लगभग 25 दिन बाद इसका फैसला सुनाया है.

Bihar Caste Census: अब तक क्या-क्या हुआ?
जातीय जनगणना का काम जनवरी 2023 में शुरू हुआ था. वहीं इसके काम को मई तक पूरा किया जाना था. लेकिन हाई कोर्ट के रोक के बाद जातीय जनगणना का काम बीच में ही रोक दिया गया था. बता दें, 5 मई को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court On Caste Census) ने जातीय जनगणना पर रोक लगा दिया था. साथ ही सभी डाटा को संरक्षित रखनेे का आदेश दिया था. तब कोर्ट की ओर से कहा गया था कि बिहार सरकार के पास जातियों को गिनने का अधिकार नहीं है. ऐसा करके सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है.

इसके बाद दुबारा बिहार सरकार ने जातीय जनगणना मामले में जल्द सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 9 मई को पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था. वहीं अब हाई कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने जातीय जनगणना पर रोक वाली याचिका को खारिज कर दिया है.

HC के फैसले से CM नीतीश को मिली बड़ी राहत
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल गई है. वहीं दूसरी तरफ कोर्ट के इस फैसले से याचिकाकर्ता नाराज हैं. उनका कहना है कि वो इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाएंगे.

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